जब जन्म लिया तो कहाँ सोचा था कि ज़िंदगी इतने दर्द देगी! जब जन्म लिया तो कहाँ सोचा था कि ज़िंदगी इतने दर्द देगी!
मैं पुरूष, बंदर हूं उस मदारी का, जिसका नाम नारी है! मैं पुरूष, बंदर हूं उस मदारी का, जिसका नाम नारी है!
तो इतना न सोचना, पर उनसे पूछना क्यों करते हैं वे ऐसा ? तो इतना न सोचना, पर उनसे पूछना क्यों करते हैं वे ऐसा ?
वे उसकी जान बचा सकते थे, सभी महिलाओं को एक बेहतर जीवन दे सकते थे। वे उसकी जान बचा सकते थे, सभी महिलाओं को एक बेहतर जीवन दे सकते थे।